देह अग्नि जल जाऊँ मैं तो नीर बहाऊँ द्रवित हृदय से पी पी टेर लगाऊँ। देह अग्नि जल जाऊँ मैं तो नीर बहाऊँ द्रवित हृदय से पी पी टेर लगाऊँ।
अनकही कहानी...। अनकही कहानी...।
गहरे ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है...! गहरे ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है...!
मैं चल पड़ा तेरे प्यार को पाने के लिए...। मैं चल पड़ा तेरे प्यार को पाने के लिए...।
कुछ अश्क़ बहेंगे याद में बस अब दर्द का सावन रहने दो। कुछ अश्क़ बहेंगे याद में बस अब दर्द का सावन रहने दो।
ज़िंदगी को समझ पाना इतना आसान नही होताहम ज़िंदगी जीतें तो हैपर ज़िंदगी क्या है?क्या हम ने कभी इस बार... ज़िंदगी को समझ पाना इतना आसान नही होताहम ज़िंदगी जीतें तो हैपर ज़िंदगी क्या है?क...